चंद_हरे_पत्ते




चंद हरे पत्ते 

फेसबूकिया भाषा    बोलते नेता
देख उनको वक़्त गवाती जनता
ना किताब पढ़कर ना अपने दिमाग से
बकवास सुनकर राय बनाती जनता
- Sachin 
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ज़िन्दगी फूलों की नहीं ,

फूलो की तरह महकी रहे 

- Gulzar


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